शांती मानती क्रांती,** क्रांती लाती नई बाती। बाती जलती दीपक जैसी, जैसी रोशनी फैलाए आशा वैसी**वैसी सोच जो बदल दे,** दे दिशा जो सही राह पे चले। चले कदम जो न थकें, थकें नहीं, बस आगे बढ़ें**बढ़ें जहां सपने हों …
Home
Feed
Search
Library
Download