LYRICS:अयि जगदम्बमदम्बकदम्ब वनप्रियवासिनि हासरते।शिखरिशिरोमणि तुङ्गहिमालय शृंगनिजालय मध्यगते।।मधुमधुरे मधुकैटभभंजिनि कैटभभंजिनि रासरते।जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते।।
अयि गिरि नन्दिनी नन्दितमेदिनि वि…
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