बरसती बारिशों की धुन पे लम्हें गुनगुनाते हैं / मधुप मोहता
बरसती बारिशों की धुन पे लम्हें गुनगुनाते हैं
वो बरबस याद आते हैं, बरस यूँ बीत जाते हैं
किसी गुमनाम बस्ती के किसी अनजान रस्ते पर
मिला वो अजनबी, तो क्यूँ लगा, जन्…
Beautiful
wow !!
Beautifully woven words in a mesmerizing voice !!
शब्द तो सुंदर हैं ही आवाज और धुन भी बहुत खूब.. बधाई ! बधाई !…