कबीर के दोहे सर्वाधिक प्रसिद्ध व लोकप्रिय हैं। हम कबीर के अधिक से अधिक दोहों को संकलित करने हेतु प्रयासरत हैं।(1)चाह मिटी, चिंता मिटी मनवा बेपरवाह।जिसको कुछ नहीं चाहिए वह शहनशाह॥
कबीर वाणी
माला फेरत जुग गया फिरा ना …
ati sundr
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